RBI : भारतीय जीडीपी की रफ्तार चालू क्योंकि वित्त वर्ष यानी 2024-25 में भी दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे तेज करने की उम्मीद है क्योंकि इस अवधि में जीडीपी की वृद्धि 7% दर फ़ीसदी रह सकती है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट का आकार बढ़कर पाकिस्तान की पूरी जीडीपी का करीब 2.5 गुना बढ़ गया है
केंद्र बैंक की बैलेंस शीट का आकार मार्च, 2024 तक 11.08% बढ़कर 70.48 लाख करोड़ रुपए यानी कि (करीब 845 अरब डॉलर) हो गया था यह जीडीपी का 24.1% है, जो एक साल पहले 23.5% फीसदी था।
वही बात करें पाकिस्तान की पूरी जीडीपी का आकर सिर्फ 28.31 लाख करोड रुपए यानी कि अमेरिकन डॉलर में इसका होता है (340 अरब डॉलर) आरबीआई की बैलेंस शीट का आकार 1 साल में 702946.97 करोड़ बढ़ चुका है मार्च 2023 तक या 63.45करोड़ था वही बैलेंस शीट का आकार बढ़ाने के कारण ही आरबीआई केंद्र को 2.11 लाख करोड़ तक का सर्वाधिक लाभांश है।
जीडीपी @7% : क्या इस साल भी सबसे तेज रहेगी रफ्तार ?
भारतीय GDP का रफ्तार काफी तीव्र गति से चालू है | वित्त वर्ष यानी की 2024 और 25 में दुनिया की सबसे अर्थव्यवस्था की तुलना में सबसे तेज रहने की उम्मीद है क्योंकि इस अवधि में जीडीपी की वृद्धि दर साथ फ़ीसदी रह सकती है RBI का कहना है की चुनौतियों के बावजूद GDP ने 2023 और 2024 में मजबूती से विस्तार किया है इसके अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि दर बढ़कर 7.6% हो गई है |
जबकि 2022 और 23 में या फ़ीसदी रही गई थी जीडीपी की वृद्धि लगातार तीसरे वर्ष सेवन फ़ीसदी तथा उससे भी अधिक रहेगी | क्योंकि आर्थिक वृद्धि दर पर जोखिम भी बना रहेगा तथा क्षेत्र की मजबूती और विदेशी मुद्रा भंडार घरेलू आर्थिक प्रभावित होने से सुरक्षित रखेगी |
किन कारकों से मिला जीटीपी को समर्थन ?
वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था में लगातार चुनौतियों के बावजूद रुझारूपन दिखाई दिया है GDP में वृद्धि को बैंकों तथा कॉरपोरेट जगत की व्यवस्था बैलेंस शीट कैपिटल पर सरकार के ध्यान देने तथाविवेकपूर्ण मौद्रिक, नियामकीय तथा राजकोषीय नीतियों से समर्थन मिला है.
रिपोर्ट के मुताबिक, खासकरग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग मांग में तेजी आई है | तथा बाहरी क्षेत्र की मजबूती और विदेशी मुद्रा भंडार घरेलू आर्थिक गतिविधियों को वैश्विक प्रभाव से बचाए रखेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक आर्थिक तथा वित्तीय स्थिरता के मामले में अलग दशक में वृद्धि की गति को तेज करने की अच्छी स्थिति में है |
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम ?
देश में बैंकों में धोखाधड़ी से जुड़े मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं लेकिन पिछले साल 1 साल में 165.96% बढ़े हैं। लेकिन इसमें शामिल राशि में 46.7% की कमी आ चुकी है वहीं 202-224 में बैंकों धोखाधड़ी के कुल मामले 36,075 मामले दर्ज हुए थे। वहीं पर 2022-23 में यह आंकड़ा 26,127 करोड़ से घटकर 13,930 करोड़ रुपये रह गई।
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